रहते थे कभी जिनके दिल में हम

रहते थे कभी जिनके दिल में हम
साल 1966 में आई 'ममता' फिल्म का गीत 'रहते थे कभी जिनके दिल में हम' लता मंगेशकर ने गाया और इस गीत के कारण यह फिल्म चर्चाओं में आई पर इस फिल्म को हिन्दी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट में शामिल करवाने के पीछे सुचित्रा सेन का हाथ था। सुचित्रा सेन ने बड़ी सादगी के साथ इस फिल्म में अभिनय किया था। केवल 'ममता' फिल्म ही नहीं बल्कि वो जिस किसी फिल्म में अभिनय करती थीं उस किरदार को निभाने में जी जान लगा देती थीं।
आज सुचित्रा सेन हमारे बीच नहीं रहीं पर आज भी उनकी सादगी, कला, और अंदाज उनके चाहने वालों को याद है। पारम्परिक मूल्यों को मानने वाले शिक्षक करुनामोय दासगुप्ता की बेटी अभिनेत्री सुचित्रा सेन सादगी में विश्वास रखती थीं। मात्र 16 वर्ष की उम्र में साल 1947 में सुचित्रा सेन का विवाह दिबानाथ सेन से हुआ। सुचित्रा सेन ने दीप ज्वेले जाई और उत्तर फाल्गुनी जैसी मशहूर बांग्ला फिल्में कीं और हिंदी फिल्मों में देवदास, बंबई का बाबू ममता तथा आंधी जैसी बेहतरीन फिल्में हिन्दी सिनेमा को दीं। साल 1972 में सुचित्रा सेन को पद्मश्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया। सुचित्रा सेन फिल्मी दुनिया में मुकाम हासिल कर रही थीं पर साल 1978 के बाद उन्होंने गुमनामी को अपना साथी बना लिया।
सुचित्रा सेन की निजी जिंदगी के बारे में शायद ही कोई कुछ खास बातें जानता हो। हिन्दी सिनेमा में जिस तरह दिलीप कुमार-मधुबाला और देव आनंद-सुरैया की जोड़ी को पसंद किया जाता था उसी तरह बंगाली फिल्मों में सुचित्रा-उत्तम कुमार की जोड़ी मशहूर थी। यहां तक कि बहुत बार ऐसा भी कहा गया कि सुचित्रा सेन और उत्तम कुमार एक-दूसरे को बेहद पसंद करते हैं और इन दोनों के बीच दोस्ती से बढ़कर भी कुछ है।
सुचित्रा सेन की सादगी में भी एक नशा था जिस कारण उनके चाहने वाले आज भी उन्हें 'पारो' के नाम से याद करते हैं और उन्हें हिन्दी सिनेमा की पहली 'पारो' कहा जाता है। कभी विमल राय की फिल्म देवदास में दिलीप कुमार पारो को देखकर कहते हैं 'तुम चांद से ज्यादा सुंदर हो, उसमें दाग लगा देता हूं' और उसके माथे पर छड़ी मारकर जख्म बना देते हैं। सचमुच सुचित्रा सेन जैसा बेदाग सौंदर्य शायद ही पर्दे पर देखा गया हो।
फिल्मों का चुनाव, कहानी की गंभीरता और पर्दे पर अभिनय की कला को प्रदर्शित करने का तरीका इन तीनों गुणों का सम्मिलन शायद ही किसी अभिनेत्री में हो। कभी 'देवदास' जैसी फिल्म में 'पारो' का किरदार निभाया और कभी 'आंधी' फिल्म में महिला को राजनीति करते हुए दिखाया। इसी तरह 'ममता' और उसके बंगाली मूल 'सात पाके बाधा' जैसी फिल्मों में सुचित्रा सेन ने मां और बेटी की दोहरी भूमिकाएं निभाई थी। ऐसा नहीं था कि सुचित्रा सेन कम ही समय में अपने लिए सही फिल्म का चुनाव कर लेती थीं पर हां, यह जरूर था कि वो किरदार की गंभीरता को देखते हुए फिल्मों को अपने लिए चुनती थीं। यही कारण था कि उन दिनों सुचित्रा सेन ने 25 से भी ज्यादा फिल्में करने से मना कर दिया था। वास्तव में ऐसी अभिनेत्री को भुला पाना फिल्म जगत के लिए मुश्किल है।

फ़ारूक़ के निधन पर रो पड़ीं दीप्ति नवल

दिप्ती नवल और फ़ारुख़ शेख़
फ़ारूक़ शेख के साथ कई फ़िल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री दीप्ति नवल उन्हें याद करते हुए रो पड़ीं. जब उनके निधन की ख़बर आई, तो दीप्ति नवल मुंबई में नहीं थीं. उन्होंने बताया कि उन्हें यह ख़बर शबाना आज़मी ने दी. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब इस ख़बर के बाद वह नहीं रुक सकतीं और वे तुरंत मुंबई लौट रही हैं.
फ़ारूक़ शेख के निधन को दीप्ति नवल ने झिंझोड़कर रख देने वाली घटना बताया.
बीबीसी से बातचीत में दीप्ति कहती हैं,''मेरी पहचान चश्मे बद्दूर से ही है, जिस फ़िल्म में मैंने फ़ारूक़ के साथ काम किया था. वह आखिरी फ़िल्म तक मेरी खिंचाई करते रहे. मुझे आज भी लगता है कि मैं आज भी चश्मे बद्दूर की नेहा राजन और वह सिद्धार्थ पाराशर हैं. हम दोनों ने अपने करियर में एक साथ सात-आठ क्लिक करेंफ़िल्में कीं. पर मुझे नहीं लगता था कि हमें इस उम्र में एकसाथ काम करने के लिए कोई फ़िल्म देगा. इसलिए जब 'लिसन अमाया' हमारे खाते में आई तो यह एक तोहफ़े की तरह थी.''
लिसन अमाया में फ़ारूक़ शेख ने दीप्ति नवल के दोस्त का किरदार निभाया है.

'कहा था-अगली फ़िल्म में काम करेंगे'

"मेरी पहचान 'चश्मे बद्दूर' से ही है. वह आखिरी फ़िल्म तक मेरी खिंचाई करते रहे. मुझे आज भी लगता है कि जैसे मैं चश्मे बद्दूर की नेहा राजन हूं और वह सिद्धार्थ पाराशर."
दीप्ति नवल, फ़िल्म अभिनेत्री
उन्होंने कहा, ''मैंने इतना महीन और संवेदनशील अभिनेता नहीं देखा. वह बेहद नेचुरल थे. मैं और क्लिक करेंफ़ारूक़ बच्चों की तरह लड़ा करते थे.''
फ़ारूक़ शेख के साथ कई फ़िल्मों में बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश कर चुकीं क्लिक करेंदीप्ति कहती हैं, ''फ़ारूक़ मुझसे हमेशा कहा करते थे कि दीप्ति तुम्हें कभी तुम्हारा ड्यू नहीं मिला. जब मैंने उन्हें बताया कि मैंने कुछ कहानियां लिखी हैं और उन पर फ़िल्म बनाना चाहती हूँ. तो इस पर उन्होंने मुझसे कहा था कि तुरंत फ़िल्मों को बना दो, किसी का इंतज़ार मत करो.''
दीप्ति नवल ने एक फ़िल्म का निर्देशन किया था. उसमें उन्होंने फ़ारूक़ के लिए एक भूमिका भी रखी थी.
दीप्ति नवल ने बताया, ''मगर फ़ारूक़ ने वह रोल नहीं किया. उन्होंने कहा था कि वह मेरी अगली फ़िल्म में काम करेंगे. मगर अब तो सब कुछ ख़त्म ही हो गया है.''
लिसन अमाया फ़िल्म में दीप्ति और फ़ारूक़ ने दोस्तों के किरदार निभाए हैं, जो पड़ोस में रहते हैं.

दीप्ति नवल और फ़ारूक़ शेख को साथ लेकर फ़िल्म निर्देशन कर रहे 'क्लिक करेंलिसन अमाया' के निर्देशक अविनाश सिंह कहते हैं, ''वह एक्टर नहीं परफ़ॉर्मर थे. जबसे मैं पैदा हुआ हूं, तबसे मैंने किसी को नहीं देखा, जो इतना कुदरती अभिनय कर सकता हो. फ़िल्म की शूटिंग के दौरान वह हमेशा पांच मिनट पहले आ जाते थे. वह जब रोज़े रखते थे तो अपने साथियों का भी ख़्याल रखते थे. यहां तक कि एक साउंड इंडीनियर के साथ वह रोज़ा तोड़ते थे, तो उनके लिए भी फल और खजूर लाते थे.''

बाप रे! सिर्फ चार दिन में 25 करोड़ कमा गए रणबीर कपूर



बाप रे! सिर्फ चार दिन में 25 करोड़ कमा गए रणबीर कपूर
मुंबई। पता लगा है कि एक्टर रणबीर कपूर ने एक चिप्स ब्रांड से यह भारी-भरकम रकम हासिल की है। कहा जा रहा है कि रणबीर कपूर ने चिप्स बनाने वाली एक कंपनी का विज्ञापन करने के लिए 25 करोड़ रुपए की रकम हासिल की है। इस विज्ञापन की शूटिंग के लिए कंपनी को उनकी जरूरत केवल चार दिन के लिए थी।
खबरी ने कहा, 'यह ब्रांड दो-तीन स्टार से अपने इस विज्ञापन के लिए बात कर रहा था। एक एक्टर के साथ तो यह डील लगभग तय हो गई थी, लेकिन अंतिम वक्त पर हुई कुछ गड़बड़ी की वजह से बात बनी नहीं। कंपनी को फिर से तलाश शुरू करना पड़ी। इस बार उन्होंने रणबीर कपूर के नाम पर विचार किया, मुलाकात में एक्टर ने यह भारी-भरकम रकम मांग ली।'

खबरी ने आगे बताया, रणबीर जल्द ही इसके लिए शूटिंग करेंगे और कंपनी की जरूरत के मुताबिक एक्टर को उनके कार्यक्रमों में हाजिर भी होना होगा। पहले इस ब्रांड को सैफ पेश किया करते थे। खबरी ने जोर दिया, रणबीर सैफ की जगह नहीं ले रहे हैं। इस कंपनी ने हमेशा ही दो सेलेब्रिटीज को अपने साथ रखा है।
(नई दुनिया)

प्रियंका से प्रेरणा लेकर नहीं बनी एक्ट्रेस: परिणीति चोपड़ा

परिणीति चोपड़ा, प्रियंका चोपड़ा
परिणीति चोपड़ा का बहन प्रियंका चोपड़ा को प्रेरणा मानने से इनकार, कैसे मन रहा है सलमान ख़ान का 48वां जन्मदिन और छुट्टी मनाने के मूड में पूरा बॉलीवुड. पढ़िए ख़बरें मुंबई डायरी में.

'इशकज़ादे' और क्लिक करें'शुद्ध देसी रोमांस' जैसी हिट फ़िल्में देने वाली परिणीति चोपड़ा मानती हैं कि फ़िल्मों में उन्होंने अपना मुक़ाम ख़ुद बनाया है और वो अपनी चचेरी बहन क्लिक करेंप्रियंका चोपड़ा को देखकर फ़िल्मों में नहीं आईं.
परिणीति कहती हैं कि प्रियंका ने उन्हें ज़रा भी प्रेरित नहीं किया और अगर ऐसा हुआ होता तो वो 10 साल पहले ही अभिनेत्री बन गई होतीं.
साल 2014 की शुरुआत में क्लिक करेंपरिणीति दिखेंगी अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ करण जौहर की फ़िल्म 'हंसी तो फंसी' में.
परिणीति ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी फ़िल्म 'लेडीस वर्सेस रिकी बहल' से, जिसमें वो अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह के साथ नज़र आईं थीं.

48 के सलमान

सलमान ख़ान, आमिर ख़ान
क्लिक करेंसलमान ख़ान 27 दिसंबर को 48 साल के हो रहे हैं. और इस मौक़े पर पनवेल स्थित उनके फ़ार्महाउस में एक पार्टी का आयोजन किया जा रहा है.
ख़बरों के मुताबिक़ इसमें सलमान का पूरा परिवार तो होगा ही साथ ही बॉलीवुड से उनके कई क़रीबी दोस्त भी होंगे. सलमान के इस जश्न में क्लिक करेंआमिर ख़ान के भी शामिल होने की संभावना है.
सलमान के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही नए सितारों को लेकर बनी एक फ़िल्म 'मुन्ना भाई सल्लू भाई' का ट्रेलर भी लॉन्च किया जा रहा है.
फ़िल्म का ट्रेलर बांद्रा स्थित गैटी सिनेमा में लॉन्च हो रहा है. ये सिनेमाहॉल, सलमान के लिए बहुत लकी साबित हुआ है और यहां सलमान ख़ान की हर फ़िल्म को देखने के लिए उनके प्रशंसक का हुज़ूम उमड़ पड़ता है.

बॉलीवुड चला छुट्टी मनाने

रणबीर कपूर, कटरीना कैफ़
क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने बॉलीवुड के ज़्यादातर सितारे मुंबई से बाहर छुट्टियां मनाने निकल पड़े हैं और कई सितारे छुट्टी पर निकलने की तैयारी में हैं.
ख़बरों के मुताबिक़ करीना कपूर, पति सैफ़ अली ख़ान के साथ स्विटज़रलैंड चली गई हैं. रणबीर कपूर, क़रीबी दोस्त कटरीना कैफ़ के साथ अमरीका रवाना हो गए हैं.

क्लिक करें'धूम-3' की ज़बरदस्त कामयाबी के बाद आमिर ख़ान भी पत्नी किरण राव के साथ अगले कुछ दिन पंचगनी में छुट्टी बिताएंगे.